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भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने 30 अक्टूबर 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ी घोषणाएँ कीं

भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने 30 अक्टूबर 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ी घोषणाएँ कीं, जिनका केंद्र बिंदु था 31 अक्टूबर यानी Rashtriya Ekta Diwas — और इस दिन गुजरात के Ekta Nagar (केवडिया) में होने वाले समारोह का महत्व।

  • अमित शाह ने कहा कि हर साल 31 अक्टूबर को Ekta Nagar में एक राष्ट्र­व्यापी ‘रिपब्लिक-डे शैली’ परेड आयोजित की जाएगी।

  • इस वर्ष 31 अक्टूबर को Sardar Vallabhbhai Patel की 150वीं जयंती है, इसलिए उसी दिन यह विशेष आयोजन रखा गया है।

  • 1 नवंबर से 15 नवंबर तक Ekta Nagar में “Bharat Parv 2025” नामक सांस्कृतिक-उत्सव होगा, जिसमें विभिन्न राज्यों का भोजन-मेला, कला-संगीत, जनजातीय कार्यक्रम होंगे।

  • इस परेड में केंद्र एवं राज्य पुलिस बलों के कोर, छात्रों-स्कूल बैंड, विशेष पुरस्कार प्राप्त जवानों को शामिल किया जाएगा।

  • अमित शाह ने Congress Party पर आरोप लगाया कि स्वतंत्रता-के बाद सरदार पटेल के योगदान को अनदेखा किया गया, उन्हें समय पर “भारत रत्न” नहीं मिला और स्मारक-निर्माण में देरी हुई।अमित शाह ने अपने संबोधन में यह संदेश दिया कि भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा सिर्फ आदर्श नहीं, बल्कि एक जीवंत अभियान है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने देश के 550 से अधिक रियासतों को भारत में मिलाकर आज का स्वरूप दिया — इस दृष्टि से उनकी 150वीं जयंती विशेष महत्व रखती है। 
    वर्तमान में यह दर्शाया गया कि परेड, ‘लड़ाकू बलों’, पुलिस और युवा-सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगी। सभा ने इस आयोजन को राष्ट्र-प्रेम और सामाजिक एकता के उत्सव के रूप में प्रस्तुत किया है।

    सामाजिक-राजनीतिक मायने

    • राष्ट्रीय एकता का प्रतीक: राष्‍ट्रीय एकता दिवस पर इस तरह का आयोजन यह संदेश देता है कि देश विभाजन की बजाय मिल-जुल कर आगे बढ़ेगा।

    • संस्मरण एवं विरासत: सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्व को मुख्य धारा में लाना, उनके योगदान को पुनर्जीवित करना — यह राजनीतिक-संस्कार की दिशा में एक कदम है।

    • राजनीतिक संदेश: भाजपा-शासित गुजरात में इस प्रकार का भव्य आयोजन, आगामी चुनाव-परिस्थितियों में राजनीतिक शक्ति-प्रदर्शन भी हो सकता है।

    • सांस्कृतिक समावेशन: ‘भारत पर्व’ के ज़रिए विभिन्न राज्यों, जनजातियों, भाषाओं-संस्कृतियों को मंच मिलने वाला है — जिससे “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की अवधारणा को बल मिलेगा।

     ध्यान देने योग्य बातें

    • आयोजन के नितांत व्यावहारिक पहलुओं में: कितनी राज्यों/बलों की टुकड़ियाँ शामिल होंगी, सुरक्षा-व्यवस्था कैसी होगी, सामूहिक भागीदारी कितनी होगी — ये सब महत्वपूर्ण हैं।

    • इसके साथ कार्य-साधना का प्रश्न भी है: केवल प्रतीकात्मक परेड पर्याप्त नहीं — असल में सामाजिक-विकास, शिक्षा-स्वास्थ्य, सुरक्षा मल्टीप्लायर प्रभाव देने होंगे।

    • मीडिया तथा विपक्षी दल इस घोषणा को किस प्रकार ग्रहण करते हैं — यह राजनीति पर असर डाल सकता है।

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Author: saryusandhyanews

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