बिहार चुनाव 2025: एनडीए का ‘संकल्प पत्र’ – विकसित बिहार का ब्लूप्रिंट, 1 करोड़ नौकरियां और 25 बड़े वादे
पटना, 1 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ठीक छह दिन पहले, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने शुक्रवार को पटना में अपना संयुक्त घोषणापत्र ‘संकल्प पत्र 2025’ जारी किया। यह 69 पन्नों का दस्तावेज़ न केवल वादों का पुलिंदा है, बल्कि बिहार को ‘विकसित बिहार’ बनाने का रोडमैप बताया जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में जारी इस संकल्प पत्र में 25 प्रमुख संकल्प शामिल हैं। इनका फोकस युवाओं के रोजगार, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों की आय वृद्धि, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और गरीब कल्याण पर है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह संकल्प पत्र हर व्यक्ति और हर क्षेत्र को छूता है। एनडीए का वादा है कि हम बिहार को औद्योगिक हब, ग्लोबल स्किलिंग सेंटर और बाढ़-मुक्त राज्य बनाएंगे। पिछले 20 वर्षों में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो विकास हुआ, वह अब नई ऊंचाइयों को छुएगा।” यह घोषणापत्र महागठबंधन के ‘तेजस्वी प्रण’ का प्रत्यक्ष जवाब माना जा रहा है, जहां विपक्ष ने हर परिवार में एक नौकरी का वादा किया था।
संकल्प पत्र जारी होने का महत्वपूर्ण पल
पटना के मौर्या होटल में आयोजित कार्यक्रम में एनडीए के सभी घटक दलों – भाजपा, जद(यू), लोजपा (रामविलास), हम(सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा – के नेता एकजुट दिखे। जेपी नड्डा ने कहा, “यह संकल्प पत्र पीएम मोदी की गारंटी और नीतीश कुमार का विश्वास है। बिहार अब BIMARU राज्य नहीं, बल्कि विकास का इंजन बनेगा।” कार्यक्रम के तुरंत बाद नेताओं ने रैलियों के लिए प्रस्थान किया, जो चुनावी मोहिम को तेज करने का संकेत है।
प्रमुख संकल्प: 25 वादों का विस्तृत विश्लेषण
एनडीए ने संकल्प पत्र को ‘पंचामृत गारंटी’ और अन्य श्रेणियों में बांटा है। यहां प्रमुख वादों का विस्तार से विवरण दिया गया है:
- रोजगार और युवा सशक्तिकरण (1 करोड़ से अधिक नौकरियां): बिहार के युवाओं के लिए सबसे बड़ा वादा है – 1 करोड़ से अधिक सरकारी नौकरियां और रोजगार के अवसर। कौशल जनगणना कराकर स्किल-बेस्ड जॉब्स दिए जाएंगे। हर जिले में ‘मेगा स्किल सेंटर’ स्थापित होंगे, जो बिहार को ‘ग्लोबल स्किलिंग हब’ बनाएंगे। अगले 5 वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित कर ‘न्यू एज इकोनॉमी’ को बढ़ावा दिया जाएगा। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन फैक्ट्री’ योजना से हर जिले में आधुनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बनेगी।
- महिला सशक्तिकरण (1 करोड़ लखपति दीदियां): महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए ‘मिशन करोड़पति’ शुरू होगा। 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जाएगा, जिसमें 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ का विस्तार होगा, ताकि सफल महिला उद्यमी करोड़पति बन सकें। यह वादा बिहार की 50% आबादी को आर्थिक रूप से मजबूत करने का लक्ष्य रखता है।
- किसान कल्याण (9,000 रुपये वार्षिक सहायता): किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ‘कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान योजना’ शुरू होगी। केंद्र की 6,000 रुपये की किसान सम्मान निधि पर राज्य से अतिरिक्त 3,000 रुपये जोड़े जाएंगे। 1 लाख करोड़ रुपये कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश होगा। सभी फसलों पर MSP की गारंटी, ‘मेड इन बिहार’ योजना से निर्यात दोगुना, मत्स्य पालन और दुग्ध मिशन का विस्तार। बिहार को टेक्सटाइल और सिल्क हब बनाने का प्लान।
- गरीब कल्याण (‘पंचामृत गारंटी’):
- 50 लाख नए पक्के मकान।
- 125 यूनिट मुफ्त बिजली।
- 5 लाख रुपये तक मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा।
- मुफ्त राशन और सामाजिक सुरक्षा पेंशन। ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों के लिए 4 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस और कम ब्याज पर कोलैटरल-फ्री लोन।
- शिक्षा और स्वास्थ्य (KG से PG तक मुफ्त): KG से PG तक गुणवत्तापूर्ण मुफ्त शिक्षा। हर जिले में मेडिकल कॉलेज। SC/ST छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 2,000 रुपये मासिक सहायता। बिहार को ‘एजुकेशन सिटी’ बनाने का लक्ष्य।
- इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी (7 एक्सप्रेसवे, मेट्रो विस्तार):
- 7 नए एक्सप्रेसवे।
- 3,600 किमी रेल ट्रैक का आधुनिकीकरण।
- अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो रैपिड रेल का विस्तार।
- पटना के अलावा 4 शहरों में मेट्रो सेवा।
- 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (पटना, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर सहित)। ‘बिहार गति शक्ति मास्टर प्लान’ से सभी शहरों को जोड़ा जाएगा।
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) सशक्तिकरण: EBC (36% आबादी) के लिए 10 लाख रुपये की व्यावसायिक सहायता। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमीशन गठित होगा, जो उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करेगा।
- बाढ़ नियंत्रण और पर्यावरण: 5 वर्षों में बाढ़-मुक्त बिहार। ‘फ्लड मैनेजमेंट बोर्ड’ गठित, कोसी-गंडक- सोन नदी जोड़ परियोजनाएं।
- सांस्कृतिक और पर्यटन विकास: मां जानकी मंदिर, विष्णुपद महाबोधि कॉरिडोर का निर्माण। रामायण, जैन, बौद्ध, गंगा सर्किट विकसित। शारदा सिन्हा कला एवं संस्कृति विश्वविद्यालय और फिल्म सिटी।
- औद्योगिक विकास: 10 नए इंडस्ट्रियल पार्क, 100 MSME पार्क, 50,000 से अधिक कॉटेज इंडस्ट्री। ‘मेड इन बिहार फॉर द वर्ल्ड’ कैंपेन से निर्यात दोगुना। 2030 तक ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में टॉप 5 राज्यों में शामिल।
विपक्ष की प्रतिक्रिया: ‘सॉरी पत्र’ की मांग
महागठबंधन ने संकल्प पत्र पर तीखा प्रहार किया। तेजस्वी यादव ने कहा, “एनडीए को सॉरी पत्र जारी करना चाहिए, क्योंकि पुराने वादे पूरे नहीं हुए। नीतीश जी शायद यह भी न जानते हों कि इसमें क्या लिखा है।” कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की छोटी अवधि (26 सेकंड) पर सवाल उठाया, जबकि मिसा भारती ने 1 करोड़ नौकरियों के लिए फंडिंग का स्रोत पूछा।
एनडीए का आत्मविश्वास: ‘कोई प्रतिस्पर्धा नहीं’
एनडीए नेता राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया, “2005-2020 में 8 लाख और 2020-2025 में 50 लाख नौकरियां दीं। विपक्ष का इतिहास बताएं।” गिरिराज सिंह ने कहा, “बिहार के गड्ढे भरे गए, अब नया स्वरूप बनेगा।” धर्मेंद्र प्रधान ने जोर दिया कि यह ‘बढ़ता बिहार, विकसित भारत’ का हिस्सा है।
Author: saryusandhyanews
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