नई दिल्ली, 17 नवंबर 2025: भारतीय थलसेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ 88 घंटे का ट्रेलर था। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि पाकिस्तान मौका देगा, तो भारत उसे पड़ोसी देश के साथ जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार करना सिखा देगा। यह बयान ‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग्स’ के उद्घाटन समारोह के दौरान दिया गया, जो रणनीतिक दिशाओं पर चर्चा के लिए आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार है।
बयान की मुख्य जानकारी
जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की त्वरित सैन्य प्रतिक्रिया का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह अभियान मात्र 88 घंटे में समाप्त हो गया, लेकिन यह भविष्य की किसी भी परिस्थिति के लिए भारत की तैयारी का संकेत है। अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था।
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| ऑपरेशन का नाम | सिंदूर |
| अवधि | 88 घंटे |
| ट्रिगर इवेंट | पहलगाम आतंकी हमला (22 अप्रैल 2025) |
| मुख्य संदेश | ‘ट्रेलर’ मात्र, पूर्ण कार्रवाई के लिए तैयार |
| चेतावनी | पाकिस्तान को ‘व्यवहार सिखाना’ |
| सीख | त्वरित निर्णय, बलों का एकीकरण, लंबे युद्ध की तैयारी |
जनरल द्विवेदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक ट्रेलर था जो 88 घंटे में समाप्त हो गया। हम भविष्य की किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं। यदि पाकिस्तान मौका देगा, तो हम उसे पड़ोसी देश के साथ जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार करना सिखा देंगे।” उन्होंने बातचीत और आतंकवाद को एक साथ चलने की संभावना को खारिज करते हुए कहा, “बातचीत और आतंक साथ-साथ नहीं चल सकते। हम आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को एक समान मानेंगे।”
घटना की पृष्ठभूमि और सबक
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाता है। जनरल द्विवेदी ने इस ऑपरेशन से प्राप्त सबकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर स्तर पर समय पर निर्णय लेना आवश्यक है। इसके अलावा, थलसेना, नौसेना, वायुसेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के बीच एकीकरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि आधुनिक युद्ध बहु-क्षेत्रीय होते हैं।
उन्होंने लंबे संघर्ष की तैयारी पर जोर देते हुए कहा, “हम यह नहीं कह सकते कि अगला युद्ध कितने समय तक चलेगा। इस बार 88 घंटे चला, अगली बार चार महीने या चार साल भी हो सकता है। क्या हमारे पास पर्याप्त आपूर्ति और हथियार हैं? यदि नहीं, तो हमें तैयार होना होगा।” यह बयान राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को भारत की प्रगति में बाधा बताते हुए आया, जिसमें पाकिस्तान को चेतावनी दी गई कि ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य की संभावनाएं
‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग्स’ का मुख्य आयोजन 27-28 नवंबर को नई दिल्ली में होगा, जिसकी थीम ‘रिफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म: सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत’ है। विशेषज्ञों का मानना है कि जनरल द्विवेदी का यह बयान भारत की रक्षात्मक नीति को मजबूत करने का संकेत है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सीमा पर तनाव बढ़ सकता है।
Author: saryusandhyanews
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