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त्रि-सेवा अभ्यास ‘अखंड प्रहार’: भारत की युद्धक क्षमताओं में नया मील का पत्थर, राजस्थान के रेगिस्तान में प्रदर्शित एकीकृत ताकत

जैसलमेर/राजस्थान, 15 नवंबर 2025 (रक्षा न्यूज): भारतीय सेना ने राजस्थान के थार रेगिस्तान में त्रि-सेवा अभ्यास ‘अखंड प्रहार’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जो ‘एक्सरसाइज त्रिशूल’ का अंतिम चरण था। इस अभ्यास में सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त टुकड़ियों ने भूमि, आकाश और साइबर क्षेत्रों में एक साथ कार्रवाई कर देश की बहु-आयामी युद्ध क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। ड्रोन, एआई और एकीकृत हथियार प्रणालियों के उपयोग से यह अभ्यास आधुनिक युद्ध की नई रणनीति का प्रतीक बन गया, जो भारत की रक्षा तैयारियों को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

अभ्यास का विवरण: रेगिस्तानी इलाके में ‘अखंड’ हमला

‘अखंड प्रहार’ अभ्यास 12 से 14 नवंबर तक जैसलमेर के रेगिस्तानी क्षेत्र में चला, जिसमें दक्षिणी कमांड के कोनार्क कोर की फॉर्मेशनों ने मुख्य भूमिका निभाई। सेना की रुद्र ब्रिगेड ने ‘प्रचंड युद्धाभ्यास’ के जरिए संयुक्त हथियारों की ताकत दिखाई, जिसमें टैंक, तोपखाने, पैदल सेना और हवाई हमलों का समन्वय शामिल था। वायुसेना के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन ने हवाई सहायता प्रदान की, जबकि नौसेना के विशेषज्ञों ने साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों का संचालन किया।

अभ्यास के दौरान एक काल्पनिक दुश्मन पर ‘अखंड’ (निरंतर) हमले का सिमुलेशन किया गया, जिसमें एआई-आधारित निगरानी प्रणालियों ने लक्ष्यों की पहचान की और मिसाइलों ने सटीक प्रहार किए। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह अभ्यास पूर्ण-स्पेक्ट्रम युद्ध की तैयारी को सत्यापित करता है। रेगिस्तान की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमारी त्रि-सेवा समन्वय क्षमता अब अभेद्य हो गई है।” अभ्यास में 5,000 से अधिक सैनिकों ने भाग लिया, और कोई हादसा नहीं होने से सभी यूनिट्स की प्रशंसा हुई।

नई युद्ध नीति का उद्घाटन: ड्रोन और एआई की भूमिका

‘अखंड प्रहार’ ने भारत की नई युद्ध नीति को उजागर किया, जिसमें ड्रोन स्वार्म, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और बहु-क्षेत्रीय समन्वय पर जोर दिया गया। थार रेगिस्तान के विस्तृत इलाके में आयोजित इस अभ्यास ने दिखाया कि कैसे भारतीय सेना पारंपरिक हथियारों के साथ उन्नत तकनीक का मिश्रण कर दुश्मन को चौपट कर सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह अभ्यास चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि भारत की रक्षा ताकत अब बहु-आयामी है।

एक्सरसाइज त्रिशूल के तहत यह चरण रुद्र ब्रिगेड की ‘प्रचंड गतिविधियों’ पर केंद्रित था, जहां साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए नौसेना की यूनिट्स ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वायुसेना के चीफ एयर मार्शल ने कहा, “यह त्रि-सेवा अभ्यास हमारी एकीकृत युद्ध क्षमता का प्रमाण है। भविष्य के संघर्षों में हम हवाई वर्चस्व बनाए रखेंगे।”

महत्व और भविष्य की दिशा: राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती

यह अभ्यास भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल का हिस्सा है, जिसमें स्वदेशी हथियार जैसे तेजस विमान, पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट और ड्रोन का उपयोग किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर अभ्यास की सराहना की: “अखंड प्रहार से हमारी सेनाओं की ताकत का दुनिया को अहसास हो गया। जय हिंद!” विश्लेषकों का मानना है कि यह अभ्यास 2026 के अगले त्रि-सेवा अभियानों के लिए आधार तैयार करेगा, जिसमें समुद्री और पहाड़ी क्षेत्रों पर फोकस होगा।

राजस्थान के स्थानीय निवासियों ने अभ्यास को देखकर गर्व महसूस किया। एक बुजुर्ग किसान ने कहा, “हमारी सेना रेगिस्तान की रेत पर भी विजयी है। यह देश की सुरक्षा का प्रतीक है।” अभ्यास के समापन पर सभी सेवाओं के कमांडरों ने संयुक्त परेड का आयोजन किया, जो एकता का प्रतीक बना।

‘अखंड प्रहार’ न केवल सैन्य दक्षता का प्रदर्शन है, बल्कि भारत की उभरती रक्षा शक्ति का घोषणा-पत्र भी। आने वाले समय में ऐसी पहलें देश को और मजबूत बनाएंगी।

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Author: saryusandhyanews

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