नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025 ( न्यूज़ डेस्क) भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में सफलता हासिल की है। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर आठ संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल हैं। इस कार्रवाई में 2,900 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री, दो एके-47 राइफलें, गोला-बारूद और बम बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं। विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स जैसी खतरनाक सामग्री शामिल बताई जा रही है, जो दिल्ली-एनसीआर में बड़े हमले की साजिश रचने के लिए इस्तेमाल होनी थी। यह मॉड्यूल पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और अल-कायदा गुजरानवाला हब (एजीयूएच) से जुड़ा हुआ था।
अभियान की शुरुआत: जम्मू-कश्मीर से टिपऑफ, फरीदाबाद तक सर्च
यह संयुक्त कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पुलिस को एक गुप्त टिपऑफ मिलने के बाद शुरू हुई। श्रीनगर में जेईएम के एक पोस्टर मामले की जांच के दौरान सुरक्षाबलों को हरियाणा के फरीदाबाद में एक अस्पताल और एक विश्वविद्यालय से जुड़े संदिग्धों के सुराग मिले। जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने हरियाणा और यूपी पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की। फरीदाबाद के एक अस्पताल से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट (आरडीएक्स के रूप में संदिग्ध), दो एके-47 राइफलें, 20 टाइमर और बम बनाने के अन्य उपकरण बरामद किए गए। कुल 2,900 किलो विस्फोटक तीनों राज्यों में बिखरे हुए ठिकानों से जब्त किए गए, जो आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने के लिए पर्याप्त थे।
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार संदिग्धों में लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद, फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय की एक शिक्षिका और दो जम्मू-कश्मीर के डॉक्टर शामिल हैं। बाकी पांच सदस्य यूपी और हरियाणा के विभिन्न इलाकों से पकड़े गए। ये सभी ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी नेटवर्क का हिस्सा थे, जो अपनी पेशेवर पहचान का फायदा उठाकर हथियार और विस्फोटक तस्करी कर रहे थे।
बरामद सामग्री: दिल्ली पर हमले की साजिश का खुलासा
जांच में सामने आया कि यह मॉड्यूल दिल्ली-एनसीआर में भीषण हमले की योजना बना रहा था। बरामद 2,900 किलो विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट के अलावा 350 किलो आरडीएक्स, 5 किलो हेवी मेटल, 20 डिजिटल टाइमर और हथगोले बनाने के लिए आवश्यक केमिकल शामिल थे। फरीदाबाद के अस्पताल से एके-47 राइफल और हजारों राउंड गोला-बारूद भी मिला, जो जम्मू-कश्मीर में भेजे जाने वाले थे। एक संदिग्ध ने पूछताछ में कबूल किया कि ये सामग्री पाकिस्तान से सीमा पार करके लाई गई थी और डॉक्टरों के माध्यम से वितरित की जा रही थी।
हरियाणा पुलिस के डीआईजी ने बताया, “यह एक अंतरराज्यीय नेटवर्क था। हमने फरीदाबाद, लखनऊ और श्रीनगर में एक साथ छापे मारे। संदिग्ध डॉक्टर अस्पतालों के बहाने विस्फोटक छिपा रहे थे।” जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसे ‘मेजर टेरर मॉड्यूल’ करार देते हुए कहा कि यह जेईएम के संस्थापक मसूद अजहर से प्रेरित था।
गिरफ्तारियां: डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल, ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकवाद का नया चेहरा
गिरफ्तार आठों संदिग्धों में सबसे चौंकाने वाली बात तीन डॉक्टरों का शामिल होना है। लखनऊ की शाहीन शाहिद एक प्रमुख अस्पताल में कार्यरत थीं, जबकि जम्मू-कश्मीर के दो डॉक्टर श्रीनगर के मेडिकल सर्कल से जुड़े थे। फरीदाबाद की अल-फलाह विश्वविद्यालय की एक महिला शिक्षिका को भी हथियार तस्करी के आरोप में पकड़ा गया। बाकी सदस्यों में यूपी के लखनऊ और हरियाणा के ग्रामीण इलाकों के निवासी शामिल हैं, जो लॉजिस्टिक सपोर्ट देते थे।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ में संदिग्धों ने जेईएम के हैंडलरों से संपर्क का खुलासा किया। यह नेटवर्क ‘व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क’ के रूप में जाना जा रहा है, जहां शिक्षित और पेशेवर लोग आतंकी गतिविधियों में लिप्त हैं। एनआईए को मामले की जांच सौंपी जा सकती है, और गिरफ्तारों को रिमांड पर लिया गया है।
सरकारी प्रतिक्रिया: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सराहना की, अलर्ट बढ़ा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए ट्वीट किया: “सुरक्षाबलों की सतर्कता से एक बड़ा आतंकी मॉड्यूल ध्वस्त हुआ। दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कैबिनेट मीटिंग में इसकी जानकारी ली। दिल्ली-एनसीआर, जम्मू-कश्मीर, यूपी और हरियाणा में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
विपक्ष ने भी अभियान की तारीफ की, लेकिन डॉक्टरों की संलिप्तता पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा, “रेडिकलाइजेशन को रोकने के लिए शिक्षा और जागरूकता जरूरी है।” विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई दिल्ली के लाल किले धमाके से जुड़ी हो सकती है, जो कल हुई थी।
जेईएम का बढ़ता नेटवर्क, सीमा पर सतर्कता
जैश-ए-मोहम्मद, जो 2000 में मसूद अजहर द्वारा स्थापित किया गया, भारत में कई हमलों का जिम्मेदार रहा है। हाल के वर्षों में यह ‘स्लीपर सेल’ के जरिए सक्रिय हो रहा है। यह अभियान जम्मू-कश्मीर में हाल के पोस्टर मामलों से जुड़ा है, जहां जेईएम ने भर्ती अभियान चलाया था। सुरक्षाबलों ने कहा कि इससे दिल्ली पर संभावित हमले को रोका गया।
Author: saryusandhyanews
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