लुआंडा, 9 नवंबर 2025 (विशेष संवाददाता): भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज अंगोला की राजधानी लुआंडा पहुंचकर एक ऐतिहासिक राजकीय यात्रा की शुरुआत की। अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंसाल्वेस लौरेन्को के निमंत्रण पर आयोजित इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा भारत और अंगोला के बीच 40 वर्ष पुराने राजनयिक संबंधों की स्वर्ण जयंती का प्रतीक है तथा अफ्रीकी महाद्वीप के साथ भारत के मजबूत साझेदारी को नई गति प्रदान करेगी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “अंगोला भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा 8 से 11 नवंबर तक अंगोला में रहेगी, जो दो देशों की यात्रा का पहला चरण है। इसके बाद 11 से 13 नवंबर तक वे बोत्सवाना का भी दौरा करेंगी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह भारत के किसी राज्य प्रमुख की अंगोला की पहली राजकीय यात्रा है, जो वैश्विक दक्षिण और अफ्रीका के साथ भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
यात्रा का एजेंडा: द्विपक्षीय वार्ता से लेकर संसदीय संबोधन तक
राष्ट्रपति मुर्मू का चार दिवसीय अंगोला दौरा बहुआयामी है। आज राष्ट्रपति पैलेस में अंगोला के राष्ट्रपति लौरेन्को के साथ व्यापक द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक, विकासात्मक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की गई। कल, 10 नवंबर को वे अंगोला की संसद को संबोधित करेंगी, जहां भारत-अंगोला संबंधों की मजबूती पर प्रकाश डालेंगी। 11 नवंबर को अंगोला की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लेंगी। इसके अलावा, स्थानीय भारतीय समुदाय से मुलाकात भी निर्धारित है, जो लोगों-के-लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करेगी।
चर्चाओं का फोकस स्वास्थ्य, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, व्यापार और निवेश पर रहेगा। वैश्विक पहलों जैसे इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA), कोअलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (CDRI), ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस और इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस में साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। विशेष रूप से, भारत के प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना से चीतों के स्थानांतरण पर भी चर्चा होगी।
ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावनाएं: राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण बयान
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने अंगोला को भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रमुख स्तंभ बताया। उन्होंने कहा, “अंगोला भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत अंगोला के तेल और गैस का प्रमुख खरीदार है। हमारे तेल और गैस कंपनियां अंगोला के साथ दीर्घकालिक खरीद अनुबंधों में रुचि रखती हैं।” इसके अलावा, उन्होंने भारतीय कंपनियों की रुचि पर प्रकाश डाला: “भारतीय तेल और गैस कंपनियां अंगोला में ऑनशोर और ऑफशोर अपस्ट्रीम परियोजनाओं में निवेश करना चाहती हैं। भारत एक प्रमुख पेट्रोलियम रिफाइनिंग देश है और हम अंगोला में विभिन्न रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश के इच्छुक हैं।”
राष्ट्रपति ने महत्वपूर्ण और दुर्लभ पृथ्वी खनिजों की खोज में भारतीय कंपनियों की क्षमता का उल्लेख किया, जो इलेक्ट्रिक वाहनों, सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी और एआई जैसे क्षेत्रों में साझेदारी का मार्ग प्रशस्त करेगी। यह सहयोग भारत-अंगोला आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जहां वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार ऊर्जा निर्यात पर केंद्रित है।
यात्रा का महत्व: रक्षा, विकास और सांस्कृतिक बंधन
यह यात्रा मई 2025 में अंगोला के राष्ट्रपति लौरेन्को की भारत यात्रा का अनुवर्तन है, जहां भारत ने अंगोला की रक्षा आधुनिकीकरण के लिए 200 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट की घोषणा की थी। इस यात्रा के दौरान इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है, जिससे अंगोला भारत से रक्षा उपकरण खरीद सकेगा। विकास सहयोग में स्वास्थ्य, शिक्षा और डिजिटल क्षेत्रों पर जोर रहेगा, जबकि सांस्कृतिक आदान-प्रदान से लोगों के बीच बंधन मजबूत होंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह यात्रा भारत-अंगोला द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगी।” राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा न केवल आर्थिक अवसरों का विस्तार करेगी, बल्कि अफ्रीका के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को भी सुदृढ़ करेगी। अंगोला के साथ 40 वर्षों के संबंधों को देखते हुए, यह दौरा भविष्य की नई शुरुआत का प्रतीक है।
Author: saryusandhyanews
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