नवी मुंबई, 3 नवंबर 2025 (विशेष संवाददाता): भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार को एक ऐसी जीत हासिल की, जो दशकों की प्रतीक्षा को समाप्त कर देगी। डीवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए आईसीसी वीमेंस ओडीआई वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारत ने 52 रनों से शानदार जीत दर्ज की। पहले बल्लेबाजी करते हुए 298/7 रन बनाए और फिर गेंदबाजों ने कमाल कर दिखाया। यह भारत की पहली वीमेंस वर्ल्ड कप ट्रॉफी है, जो 20 वर्षों की निराशा को मिटा देगी। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अंतिम गेंद पर सनसनीखेज कैच लपककर इतिहास रच दिया।
इस जीत का श्रेय मुख्य रूप से दो हीरोइनों को जाता है – शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा। शेफाली ने बल्ले से 87 रनों की विस्फोटक पारी खेली, तो गेंद से 2 विकेट लिए। लेकिन दीप्ति शर्मा का प्रदर्शन तो वाकई में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाला रहा। उन्होंने बल्ले से 58 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली और गेंद से 5/39 के आंकड़े के साथ मैच खत्म किया। यह उपलब्धि उन्हें वीमेंस वर्ल्ड कप फाइनल में पहली ऐसी गेंदबाज बनाती है, जिसने फाइनल में अर्धशतक लगाने के साथ ही पांच विकेट झटके हों। पुरुषों और महिलाओं के वर्ल्ड कप इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी खिलाड़ी ने ऐसा ‘ऑलराउंडर डबल’ हासिल किया। दीप्ति को टूर्नामेंट की प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया।
मैच का रोमांचक सफर: शेफाली की शुरुआत, दीप्ति का धमाका
दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया। भारतीय ओपनर्स शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने 104 रनों की साझेदारी कर मजबूत आधार रखा। शेफाली ने 78 गेंदों पर 87 रन (7 चौके, 2 छक्के) ठोके, जो फाइनल में उनकी आक्रामकता का प्रतीक था। लेकिन मध्य ओवरों में दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजों ने वापसी की। स्मृति (45) के बाद जेमिमाह रॉड्रिगेज (24) और कप्तान हरमनप्रीत (20) सस्ते में आउट हो गईं। यहां दीप्ति शर्मा ने संभलकर बल्लेबाजी की। उनकी रन-ए-बॉल 58 रनों की पारी ने भारत को 298/7 तक पहुंचाया, जो वीमेंस वर्ल्ड कप फाइनल का दूसरा सबसे ऊंचा स्कोर है। रिचा घोष ने अंतिम ओवरों में 34 रनों की तेज पारी से स्कोर को मजबूत किया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से अयोबोंगा खाका ने 3 विकेट लिए।
चेज में दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोलवार्ड्ट ने 98 गेंदों पर नाबाद 101 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। एक समय स्कोर 211/6 था, और 88 रनों की जरूरत बाकी थी। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कमाल कर दिया। शेफाली वर्मा ने अपनी अप्रत्याशित गेंदबाजी से सुने लूस (25) और मरिजाने कैप (4) को आउट कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। फिर दीप्ति शर्मा का जादू चला। उन्होंने वोलवार्ड्ट को डीप मिडविकेट पर कैच आउट कराया, फिर च्लो ट्रायन को एलबीडब्ल्यू आउट किया। अंत में नादीन डे क्लर्क को हरमनप्रीत के हाथों आउट करवाकर 5 विकेट पूरे किए। दक्षिण अफ्रीका 246 रनों पर सिमट गई। श्री चरानी ने भी 1/48 के साथ योगदान दिया।
दीप्ति का विश्व रिकॉर्ड: ऑलराउंडर का अनोखा डबल
दीप्ति शर्मा का यह प्रदर्शन वाकई में ऐतिहासिक है। वीमेंस वर्ल्ड कप फाइनल में अर्धशतक के साथ 5 विकेट लेना न केवल दुर्लभ है, बल्कि यह पुरुषों और महिलाओं के वर्ल्ड कप इतिहास में पहली बार हुआ है। टूर्नामेंट में दीप्ति सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं, और उनकी यह पारी उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ भी बनाती है। पूर्व कप्तान मिताली राज ने कहा, “दीप्ति ने न केवल गेंद से कमाल किया, बल्कि बल्ले से भी टीम को संकट से उबारा। यह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।” शेफाली वर्मा, जो सेमीफाइनल से ही स्क्वॉड में शामिल हुईं, ने भी कहा, “दीप्ति दीदी की वजह से हम चैंपियन बने।”
प्रतिक्रियाएं: देश में खुशी की लहर, दिग्गजों की बधाई
जीत के बाद स्टेडियम में आतिशबाजी हुई और खिलाड़ियां तिरंगा लहराती नजर आईं। नीता अंबानी ने रोहित शर्मा और रितिका सजदेह के साथ तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “भारतीय महिला टीम ने इतिहास रच दिया! पहली वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर बधाई। दीप्ति और शेफाली जैसी हीरोइनों ने देश का मान बढ़ाया।” सचिन तेंदुलकर ने कहा, “यह जीत लाखों लड़कियों के सपनों को पंख देगी।” विराट कोहली ने दीप्ति को ‘रिडेम्प्शन क्वीन’ कहा। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा ने हार स्वीकारते हुए कहा, “हमने अच्छा खेला, लेकिन भारत का दिन था।”
यह जीत न केवल क्रिकेट का, बल्कि भारतीय महिला खेल का मील का पत्थर है। 2005 के पहले वर्ल्ड कप से चली आ रही प्रतीक्षा अब समाप्त हुई। दीप्ति शर्मा का विश्व रिकॉर्ड इस ट्रॉफी को और चमकदार बनाता है। भारतीय महिला क्रिकेट अब पुरुषों के बराबर खड़ी नजर आ रही है।
Author: saryusandhyanews
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