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“पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेनाओं की रणनीतिक तैयारी”

“पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेनाओं की रणनीतिक तैयारी”


पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेनाओं की रणनीतिक तैयारी

भूमिका
पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा व्यवस्था और सीमापार आतंकवाद के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। यह हमला न केवल एक कायराना हरकत थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता को चुनौती देने का प्रयास भी था। ऐसे में भारतीय सेनाओं द्वारा की जा रही रणनीतिक तैयारियों पर चर्चा करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।


1. खुफिया तंत्र की मजबूती

हमले के बाद भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसियों—रॉ, आईबी और सैन्य खुफिया निदेशालय—ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों के साथ संवाद बढ़ाया गया है ताकि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना समय पर मिल सके।


2. LOC पर आक्रामक रणनीति

सीमा पर भारतीय सेना ने “सर्जिकल प्रिसिजन” की नीति अपनाई है। एलओसी (Line of Control) पर सेना ने अपने अग्रिम चौकियों को और मजबूत किया है तथा स्पेशल फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पाकिस्तानी रेंजर्स की किसी भी उकसावे वाली गतिविधि का त्वरित और निर्णायक जवाब देने के आदेश हैं।


3. आतंकी लॉन्च पैड्स पर निगरानी

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी लॉन्च पैड्स पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन सर्विलांस और मानव खुफिया के माध्यम से इन ठिकानों की पहचान की जा रही है ताकि समय आने पर इन पर एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की जा सके।


4. साइबर वॉरफेयर और सूचना युद्ध

आज के युग में युद्ध केवल मैदान पर नहीं, बल्कि इंटरनेट पर भी लड़ा जाता है। भारत ने साइबर मोर्चे पर भी अपनी तैयारियाँ तेज कर दी हैं। पाक समर्थित डिजिटल दुष्प्रचार को निष्क्रिय करने के लिए साइबर यूनिट्स को सक्रिय किया गया है।


5. आंतरिक सुरक्षा बलों की पुनर्संरचना

CRPF, BSF और जम्मू-कश्मीर पुलिस को मिलाकर एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त और छापेमारी तेज कर रही है। आधुनिक हथियारों, नाइट विज़न उपकरणों और संचार प्रणाली से इन बलों को लैस किया गया है।


6. राजनयिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय समर्थन

भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की मुहिम तेज की है। संयुक्त राष्ट्र, FATF और अन्य मंचों पर पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के प्रमाण साझा किए जा रहे हैं। अमेरिका, फ्रांस, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भारत की चिंताओं का समर्थन किया है।


पहलगाम हमला भारत के लिए एक चेतावनी है, लेकिन इसका जवाब न केवल सैन्य रूप में, बल्कि रणनीतिक, कूटनीतिक और साइबर स्तर पर भी दिया जा रहा है। भारतीय सेनाएं हर मोर्चे पर पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं। यह स्पष्ट संदेश है कि भारत अब हर आतंकी कार्रवाई का माकूल और निर्णायक जवाब देने की नीति पर अडिग है।


 

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Author: saryusandhyanews

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