विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के चीन की ओर बढ़ने की धारणा को खारिज करते हुए रविवार को कहा कि रूस ऐसा देश है जिसके साथ भारत के हमेशा सकारात्मक संबंध रहे हैं और दोनों देशों ने एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखने के लिए अतिरिक्त ध्यान रखा है। सिंगापुर में भारतीय समुदाय से बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत को रूस या किसी अन्य देश के साथ अपने संबंधों को अपने नजरिए से देखना चाहिए।तो मुझे बताइए कि रूस ने हमारी मदद की या नुकसान पहुंचाया? क्या रूस ने महत्वपूर्ण क्षणों में योगदान दिया है या बाधा डाली है? आगे बढ़ते हुए, क्या रूस से लाभ होगा या केवल नुकसान ही होगा जो सामने आएगा? इसलिए, यदि मैं अपने दृष्टिकोण और अपने अनुभवों से गणना करता हूं, तो मुझे उत्तर मिल जाएगा। और इस मामले में जवाब यह है कि रूस एक ऐसा देश है जिसके साथ हमारे हमेशा सकारात्मक संबंध रहे हैं, उन्होंने कहा।उन्होंने कहा, ‘भारत और रूस दोनों ने एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती है। इसलिए मुझे लगता है कि आगे बढ़ते समय हमें आत्मविश्वास हासिल करना चाहिए। यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बावजूद भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत बने रहे। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है, और यह सुनिश्चित करता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

Author: saryusandhyanews
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