गुजरात के गिरनार के जंगलों में से मध्य प्रदेश के एक बुजुर्ग को रेस्क्यू किया गया है। ये शख्स एक ग्रुप के साथ आया था और भटक गया था। इसके बाद इसे करीब 48 घंटे के बाद बचाया गया है। इस शख्स का नाम मदनमोहन जैन हैं और इनकी उम्र 70 साल है। दरअसल, मध्य प्रदेश के भिंड जिले के पूप तालुका के कुप्रला गांव में रहने वाले मदनमोहन मुरलीधर जैन 20 लोगों के ग्रुप के साथ जूनागढ़ में गिरनार की यात्रा पर आये थे, इसी दौरान वह जंगल में खो गए थे।
जंगल में कैसे खोए मदनमोहन?
20 लोगों के ग्रुप के साथ जूनागढ़ में गिरनार की यात्रा पर आए मदनमोहन जैन 5 जुलाई की सुबह गिरनार पर स्थित अम्बाजी मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। इसके बाद 1 हज़ार स्टेप्स उतारकर वह जैन मंदिर दर्शन करने गए और वहां से वापसी में वो 3 हज़ार स्टेप्स तक अपने ग्रुप के साथ थे और उसके बाद उनसे अलग हो गए। गिरनार पर 2000 स्टेप्स पर मदनमोहन को प्यास लगी तो वे पानी ढूंढने कच्चे रस्ते पर उतर गए। यहां एक झरने पर पानी पीने के लिए वह जैसे ही झुके तभी उनका पैर फिसला और रगड़ते हुए जंगल में दूर जाकर गिरे। जबतक मदनमोहन संभलकर खड़े हो पाते तबतक वह खो चुके थे।
जंगल में मदद के लिए चिल्लाते-चिल्लाते हो गए बेहोश
रगड़कर गिरने के कारण बुजर्ग बुरी तरह घायल हो गए। उनके पूरे शरीर पर, पैरों में, सर में कांटे चुभ गए और शरीर पर हर जगह चोटें लगी थीं। ऐसी हालत में उन्होंने बचाने के लिए 8 से 9 घंटे तक चिल्लाया, लेकिन वहां सुनने वाला कोई नहीं था। भूख-प्यास भी काफी लगी थी और वो करीबन आधे बेहोश हो चुके थे। दुसरे दिन सुबह जब मदनमोहन की आंख खुली तो उनके एक दम नजदीक से 15-20 जंगली सुअरों का एक झुण्ड जा रहा था। ऐसे में उन्होंने अपनी सांसे रोक लीं और सुअरों के झुण्ड को निकल जाने दिया।
SDRF, पुलिस, वन विभाग और होमगार्ड की टीमों ने खोजा
वहीं दूसरी तरफ जंगल में खोये हुए मदनमोहन को ढूंढने के लिए प्रशासन ने SDRF, पुलिस, वन विभाग और होमगार्ड के 33 जवानों को खोजी अभियान में लगा दिया। इसके बाद इन टीमों ने जंगल के अलग-अलग इलाकों की ख़ाक छानी और आखिरकार 48 घंटों से खोये हुए मदनमोहन जैन उन्हें मिल गए और उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया।
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Author: Ajay Kumar Pandey
SENIOR JOURNALIST ,VAST EXPERIENCE OF INVESTIGATIVE JOURNALISM