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डब्ल्यूएचओ की वैश्विक चेतावनी: भारत के तीन जहरीले खांसी सिरपों से 25 बच्चों की मौत, रीलाइफ सहित इनका उपयोग बंद

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर 2025 – विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को एक गंभीर स्वास्थ्य सलाह जारी करते हुए भारत में निर्मित तीन खांसी सिरपों – कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रीलाइफ – के खिलाफ वैश्विक अलर्ट जारी किया है। इन सिरपों में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) नामक घातक रसायन पाया गया है, जो किडनी फेलियर, लीवर डैमेज और मौत का कारण बन सकता है। मध्य प्रदेश में इन सिरपों के सेवन से कम से कम 25 बच्चों (सभी 5 वर्ष से कम उम्र के) की मौत हो चुकी है। डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से अपील की है कि यदि ये सिरप उनके बाजार में मिलें तो तुरंत रिपोर्ट करें और उपयोग बंद कर दें।

जहरीले सिरपों का खुलासा: डीईजी का जहर

लैब टेस्ट में पुष्टि हुई कि:

  • कोल्ड्रिफ (श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित, तमिलनाडु): बैच नंबर एसआर-13 में 48.6% डीईजी पाया गया, जो अनुमत सीमा से लगभग 500 गुना अधिक है।
  • रेस्पिफ्रेश टीआर (रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित)।
  • रीलाइफ (शेप फार्मा द्वारा निर्मित)।

डीईजी एक औद्योगिक सॉल्वेंट है, जो प्रोपीलीन ग्लाइकॉल के स्थान पर गलती से मिलाया जाता है। यह बच्चों के लिए विशेष रूप से घातक है, जो पेट दर्द, उल्टी, डायरिया, मूत्र रुकना, सिरदर्द, मानसिक विकार, तीव्र किडनी इंजरी और मौत का कारण बनता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, “ये सिरप गंभीर और जानलेवा बीमारियां पैदा कर सकते हैं।”

मौतों का सिलसिला: मध्य प्रदेश में हाहाकार

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले (परासिया क्षेत्र) में सितंबर से अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। अधिकांश बच्चे कोल्ड्रिफ सिरप पीने के बाद बुखार, उल्टी और किडनी फेलियर से जूझते हुए मरे। राजस्थान में भी कुछ मौतें दर्ज की गईं। प्रभावित बच्चे नागपुर (महाराष्ट्र) के अस्पतालों में भेजे गए, जहां कई ने दम तोड़ दिया। एक पिता नीलेश सूर्यवंशी ने अपनी 3 वर्षीय बेटी की बोतल दिखाते हुए कहा, “यह सिरप मौत का जहर साबित हुआ।”

भारत सरकार की सख्त कार्रवाई

  • लाइसेंस रद्द: तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मा का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर फैक्ट्री सील कर दी। जांच में 364 उल्लंघन पाए गए, जिनमें 39 ‘बहुत गंभीर’ और 325 ‘प्रमुख’ शामिल हैं – जैसे अयोग्य स्टाफ, गंदा पानी, कीट नियंत्रण की कमी, अनहाइजीनिक स्टोरेज।
  • गिरफ्तारियां: कंपनी मालिक जी. रंगनाथन (73 वर्ष) को 9 अक्टूबर को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया। सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को लापरवाही के आरोप में पकड़ा गया।
  • बैन और एडवाइजरी: केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रीलाइफ की बिक्री-वितरण बंद करने के आदेश दिए। 3 अक्टूबर की हेल्थ एडवाइजरी में कहा गया – 2 वर्ष से कम बच्चों को कफ सिरप न दें, 5 वर्ष से कम में सावधानी बरतें।
  • निर्यात नकारा: सीडीएससीओ ने पुष्टि की कि ये सिरप विदेश निर्यात नहीं हुए। यूएस एफडीए ने भी कहा कि अमेरिका में नहीं पहुंचे।

डब्ल्यूएचओ की चिंता: नियामक खाई

डब्ल्यूएचओ ने भारत की दवा सुरक्षा में “नियामक खाई” पर गहरी चिंता जताई। 2023 से निर्यात सिरपों की सख्त जांच अनिवार्य है, लेकिन स्थानीय बाजार के लिए नहीं। संगठन ने आपूर्ति श्रृंखला, अनियमित बाजारों में निगरानी बढ़ाने और समान साइटों से बनी दवाओं का मूल्यांकन करने को कहा।

पुरानी घटनाएं: बार-बार की विफलता

यह पहली बार नहीं। 2023 में गैम्बिया (70 मौतें), उज्बेकिस्तान (18 मौतें) और कैमरून में भारतीय सिरपों से बच्चों की मौत हुई। 2019-20 में जम्मू-कश्मीर में 12 मौतें। डब्ल्यूएचओ ने 2022 में भी हरियाणा की मेडेन फार्मा पर अलर्ट जारी किया था।

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Author: saryusandhyanews

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