भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मद्देनजर डॉक्टरों के विरोध का जिक्र करते हुए टिप्पणी की कि कर्तव्य की कीमत पर विरोध प्रदर्शन जारी नहीं रह सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि अगर प्रदर्शनकारी डॉक्टर काम पर नहीं लौटते हैं तो वह पश्चिम बंगाल सरकार को उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर डॉक्टर कल शाम 5 बजे तक काम पर लौट आते हैं, तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा, ”हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि डॉक्टर काम पर लौटें और हम उन्हें सुरक्षा देंगे… लेकिन उन्हें काम ज्वाइन करना होगा। जब हमने कहा कि डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी … कपिल सिब्बल कहते हैं कि दंडात्मक तबादलों सहित कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
जब डॉक्टरों के वकील ने कहा कि उन्हें तीन दिन का समय चाहिए, तो सीजेआई ने कहा कि वह उन्हें पहले ही दो दिन दे रहे हैं।
अगर डॉक्टर कल शाम 5 बजे या उससे पहले ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करते हैं तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। संरक्षा और सुरक्षा से संबंधित सभी शिकायतों पर तुरंत ध्यान दिया जाएगा। हालांकि, अगर काम से लगातार अनुपस्थित रहते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है और वे उस समुदाय की सामान्य चिंताओं से अनजान नहीं हो सकते हैं, जिनकी सेवा करने का उनका इरादा है।
Author: Ajay Kumar Pandey
SENIOR JOURNALIST ,VAST EXPERIENCE OF INVESTIGATIVE JOURNALISM