सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन उसने कई शर्तें लगाई हैं और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख को 2 जून को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का अंतरिम जमानत पांच जून तक देने का अनुरोध ठुकरा दिया। सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव का आखिरी दिन एक जून है। वोटों की गिनती 4 जून को होगी। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब रद्द की गई आबकारी नीति के निर्माण और निष्पादन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।
पीठ ने कहा कि शर्तें आप नेता संजय सिंह पर लगाई गई शर्तों के समान होंगी, जिन्हें इस मामले में पिछले महीने जमानत दी गई थी।
पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर दलीलें अगले सप्ताह भी जारी रहेंगी और वह 20 मई से शुरू हो रही गर्मियों की छुट्टियों से पहले याचिका पर फैसला सुनाने का प्रयास करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत देने को मामले की योग्यता या लंबित आपराधिक अपील पर राय की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं माना जाएगा।
केजरीवाल पर लगाई गई शर्तों पर एक नजर:
वह जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए इतनी ही राशि की एक जमानत के साथ 50,000 रुपये की राशि में जमानत बांड प्रस्तुत करेगा।
वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे।
वह अपनी ओर से दिए गए इस वक्तव्य से बाध्य होगा कि वह तब तक शासकीय फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि दिल्ली के उप-राज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए यह अपेक्षित और आवश्यक न हो.वह वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेगा और/या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइलों तक उसकी पहुंच नहीं होगी
Author: Ajay Kumar Pandey
SENIOR JOURNALIST ,VAST EXPERIENCE OF INVESTIGATIVE JOURNALISM