सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से जुड़े भ्रामक विज्ञापन मामले में निष्क्रियता के लिए उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने निकाय द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लाइसेंसिंग प्राधिकरण शीर्ष अदालत के 10 अप्रैल के आदेश के बाद ही कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए सक्रिय हुआ।पीठ ने टिप्पणी की, ”यदि आप सहानुभूति और करुणा चाहते हैं तो न्यायालय के प्रति ईमानदार रहें।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसकी मुख्य चिंता यह है कि लाइसेंसिंग निकाय ने इस मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की या नहीं।
पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख तय की है।
शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को निष्क्रियता के लिए आड़े हाथ लिया था और कहा था कि वह इसे हल्के में नहीं लेगा क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि संस्था ने जानबूझ कर अपनी आंखें बंद रखी हैं.(फोटो साभार इंडियन एक्सप्रेस डिजिटल)
Author: Ajay Kumar Pandey
SENIOR JOURNALIST ,VAST EXPERIENCE OF INVESTIGATIVE JOURNALISM