भारतीय टीम के लिए खेलने वाले 1970 दशक के महान फुटबॉलर और पेले की न्यूयॉर्क कोस्मोस के खिलाफ मोहन बागान के लिए गोल करने वाले मोहम्मद हबीब का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 74 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। आपको बता दें कि भूलने की बीमारी और पार्किंसन से जूझ रहे हबीब ने अपने शहर हैदराबाद में अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं। बैंकॉक में 1970 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हबीब ने मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन स्पोर्टिंग के लिए खेला था।
खिलाड़ी के बाद एक सफल कोच भी बने
इस तरह शुरुआत के बाद उन्होंने अपने करियर को कोचिंग की तरफ आगे बढ़ाया। वह टाटा फुटबॉल अकादमी के कोच भी रहे । 17 जुलाई 1949 को जन्मे भारत के पूर्व कप्तान ने देश के लिए 35 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर 11 गोल किए थे। उन्होंने हल्दिया में भारतीय फुटबॉल संघ अकादमी के मुख्य कोच के रूप में भी काम किया। हबीब ने 1977 में ईडन गार्डन पर बारिश के बीच पेले के कोस्मोस क्लब के खिलाफ गोल किया था। उस टीम में पेले, कार्लोस अलबर्टो, जॉर्जियो सी जैसे धुरंधर थे।
पेले ने भी की थी हबीब की तारीफ
पेले के कोस्मोस क्लब के खिलाफ खेला गया वह मैच 2-2 से बराबरी पर खत्म हुआ था। मैच के बाद महान पेले ने खुद उनकी तारीफ भी की थी। हबीब ने 1975 तक अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खेला। उन्हें खेल में उनके योगदान के लिए अर्जुन पुरस्कार भी दिया गया। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने उनके निधन पर कहा कि, कोलकाता फुटबॉल के बड़े मियां मोहन बागान और टीएफए में मेरे कोच और मेंटोर थे। एशियाई खेल 1970 में भारत को मिले कांस्य पदक में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
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Author: Ajay Kumar Pandey
SENIOR JOURNALIST ,VAST EXPERIENCE OF INVESTIGATIVE JOURNALISM