टिहरी, 30 अक्टूबर 2025 – उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की है, जो राज्य के चंपावत जिले को धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यटन और पर्यावरणीय महत्व का केंद्र बनाने का वादा कर रही है। 3300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित हो रहे ‘शारदा कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में लॉन्च किया। यह प्रोजेक्ट लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा और तनकपुर को नई पहचान देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
यह परियोजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए स्थानीय आजीविका के अवसर भी पैदा करेगी। सीएम धामी ने कहा, “शारदा कॉरिडोर आस्था, प्रकृति और आजीविका का संगम बनेगा। यह प्रोजेक्ट तनकपुर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और क्षेत्रीय विकास में मील का पत्थर साबित होगा।”
प्रोजेक्ट की शुरुआत: पहला चरण लॉन्च
शारदा कॉरिडोर प्रोजेक्ट का पहला चरण 185.20 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हो चुका है। इस चरण के तहत शारदा घाट का पुनर्विकास किया जा रहा है, जो नदी तट को इको-सेंसिटिव, स्वच्छ, सुरक्षित और आकर्षक बनाने पर केंद्रित है। इसमें सुरक्षित स्नान घाट, आरती स्थल, स्वच्छता सुविधाएं और पैदल पथ शामिल हैं। इसके अलावा, 109.57 करोड़ रुपये की कीरोड़ा नाला इकोलॉजिकल कॉरिडोर परियोजना जैव विविधता संरक्षण और आपदा प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने का लक्ष्य रखती है। साथ ही, 62 करोड़ रुपये का शहर जल निकासी योजना भी लागू हो रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने 28 अक्टूबर को खटीमा के अपने कैंप कार्यालय में प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने 38 प्रमुख कार्यों का जायजा लिया, जिनमें शारदा घाट का पुनर्विकास, शहर जल निकासी योजना, रानकोची माता मंदिर का जीर्णोद्धार, बनबासा में हेलीपोर्ट का विकास, चुका से चालती तक माउंटेन बाइक ट्रेल का निर्माण, बनबासा में अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार की स्थापना, श्रद्धा पथ नदी तट का सौंदर्यीकरण, शारदा नदी तट के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और एरो स्पोर्ट्स सुविधाओं का निर्माण शामिल हैं।
प्रमुख घटक: पर्यटन, संस्कृति और पर्यावरण का मिश्रण
शारदा कॉरिडोर प्रोजेक्ट को उत्तराखंड इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड (UDIIDA) द्वारा लागू किया जा रहा है। यह वन भूमि पर स्थित होने के कारण वन विभाग के साथ समन्वय में भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया चल रही है। प्रोजेक्ट के प्रमुख घटकों में:
- धार्मिक पर्यटन: रानकोची माता मंदिर का जीर्णोद्धार और शारदा घाट का विकास तीर्थयात्रियों को आकर्षित करेगा।
- पर्यावरण संरक्षण: इकोलॉजिकल कॉरिडोर जैव विविधता को बचाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करेगा।
- आर्थिक विकास: बनबासा में अंतरराष्ट्रीय सीमा बाजार स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों के लिए रोजगार सृजित करेगा।
- पर्यटन सुविधाएं: हेलीपोर्ट, माउंटेन बाइक ट्रेल और एरो स्पोर्ट्स से एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
यह प्रोजेक्ट उत्तराखंड को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर मजबूत बनाएगा, खासकर धार्मिक और इको-टूरिज्म के क्षेत्र में। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे स्थानीय युवाओं को हजारों रोजगार मिलेंगे और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में क्रांति आएगी।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
प्रोजेक्ट की शुरुआत के बावजूद, वन भूमि हस्तांतरण और पर्यावरणीय मंजूरी जैसी चुनौतियां बाकी हैं। सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यों को समयबद्ध, उच्च गुणवत्ता वाले और पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि प्रोजेक्ट स्थानीय आस्था और अपेक्षाओं के अनुरूप हो।
कुल मिलाकर, 3300 करोड़ का यह शारदा कॉरिडोर प्रोजेक्ट उत्तराखंड के विकास का नया अध्याय लिखेगा। यह न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संजोएगा, बल्कि प्रकृति और आजीविका को जोड़कर एक सतत मॉडल प्रस्तुत करेगा। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र पर्यटकों का प्रमुख गंतव्य बन सकता है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।
Author: saryusandhyanews
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