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बेंगलुरु डॉक्टर ने पत्नी को एनेस्थेटिक दवाओं से मार डाला: एक चौंकाने वाली हत्या की कहानी

बेंगलुरु, 16 अक्टूबर 2025 – डॉक्टरों का पेशा तो जान बचाने का होता है, लेकिन क्या होगा जब वही ज्ञान किसी की जिंदगी छीन ले? बेंगलुरु से एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक सर्जन ने अपनी डॉक्टर पत्नी को एनेस्थेटिक दवा प्रोपोफोल की घातक खुराक देकर हत्या कर दी। यह घटना शादी के महज 11 महीनों बाद घटी, और छह महीने तक यह मामला प्राकृतिक मौत के रूप में दबा रहा। लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट ने सच्चाई उजागर कर दी। आरोपी डॉक्टर महेंद्र रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।

शादी का सुखद आरंभ, लेकिन छिपी हुई दरारें

डॉ. क्रूथिका रेड्डी (कभी-कभी खबरों में डॉ. कृतिका के नाम से उल्लिखित) एक 28-29 वर्षीय डर्मेटोलॉजिस्ट थीं, जो बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में कार्यरत थीं। उनकी शादी उनके सहकर्मी और जनरल सर्जन डॉ. महेंद्र रेड्डी जी.एस. (31 वर्ष) से 26 मई 2024 को हुई थी। दोनों की मुलाकात अस्पताल में ही हुई थी, और शादी के बाद वे मराठाहल्ली इलाके के अयप्पा लेआउट में रहने लगे। बाहर से सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन शादी के बाद महेंद्र को क्रूथिका के स्वास्थ्य संबंधी कुछ पुरानी बीमारियों का पता चला, जो शादी से पहले उनसे छिपाई गई थीं।

पुलिस के अनुसार, महेंद्र इस बात से बेहद नाराज था। उसने पूछताछ में कबूल किया कि वह इन छिपे हुए स्वास्थ्य मुद्दों से आहत था, और इसी गुस्से ने उसे हत्या की योजना बनाने के लिए प्रेरित किया। लेकिन यह नाराजगी इतनी घातक साबित होगी, किसी ने सोचा भी न था।

हत्या की साजिश: इलाज का बहाना, मौत का इंजेक्शन

घटना 24 अप्रैल 2025 की है। क्रूथिका उस समय अपने पिता के घर पर थीं, क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां हो रही थीं। महेंद्र ने घर पर ही उनका ‘इलाज’ करने का फैसला किया। उसने प्रोपोफोल नामक शक्तिशाली एनेस्थेटिक दवा का इस्तेमाल किया, जो ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू में बेहोशी पैदा करने और सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होती है। यह दवा अस्पताल के ओटी से ही प्राप्त की गई थी, जहां महेंद्र का पहुंच था।

पुलिस जांच के मुताबिक:

  • 21 अप्रैल को महेंद्र ने पहली बार इंजेक्शन दिया, जिसे क्रूथिका ने गैस्ट्रिक समस्या के इलाज के रूप में लिया।
  • 23 अप्रैल को क्रूथिका को इंजेक्शन साइट पर दर्द हुआ। उन्होंने व्हाट्सएप पर महेंद्र से कैनुला (IV लाइन) हटाने की गुजारिश की, लेकिन महेंद्र ने मना कर दिया और शाम 9:30 बजे दोबारा इंजेक्शन देने आया।
  • अगली सुबह, 24 अप्रैल को क्रूथिका को बेहोश पाया गया। महेंद्र ने CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) करने की कोशिश भी नहीं की, जो एक डॉक्टर के लिए हैरान करने वाली लापरवाही थी।

क्रूथिका को नजदीकी कावेरी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। महेंद्र ने इसे प्राकृतिक मौत बताया और पोस्टमॉर्टम कराने से भी इनकार कर दिया। मराठाहल्ली पुलिस ने शुरू में अस्वाभाविक मौत का केस दर्ज किया, लेकिन परिवार के शक के चलते जांच आगे बढ़ी।

फोरेंसिक रिपोर्ट ने खोला राज: प्रोपोफोल की घातक मौजूदगी

क्रूथिका की बहन डॉ. निकिता एम. रेड्डी और पिता के. मुनिरेड्डी ने संदेह जताया। परिवार की शिकायत पर पोस्टमॉर्टम हुआ, और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट ने सनसनी फैला दी। रिपोर्ट में क्रूथिका के कई अंगों में प्रोपोफोल की विषाक्त मात्रा पाई गई, जो स्पष्ट रूप से हत्या का संकेत दे रही थी।

13 अक्टूबर को पिता की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सीमांत कुमार सिंह ने कहा, “आरोपी ने दावा किया कि पत्नी की सेहत ठीक नहीं थी, लेकिन अब पता चला है कि उसे सेडेटिव इंजेक्ट किया गया था, जो दुर्भावनापूर्ण इरादे को दर्शाता है।” 14 अक्टूबर को महेंद्र को उडुपी से गिरफ्तार किया गया, और पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

जांच के नए मोड़: वैवाहिक कलह और साजिश की गहराई

पुलिस का कहना है कि महेंद्र ने हत्या को प्राकृतिक मौत दिखाने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाई थी। वह जानता था कि प्रोपोफोल का ओवरडोज कैसे घातक हो सकता है, और इसी ज्ञान का दुरुपयोग किया। व्हाइटफील्ड के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस के. पराशुराम ने बताया, “क्रूथिका घर पर इलाज करवा रही थीं, लेकिन आरोपी ने कई बार दवा दी।”

परिवार के अनुसार, शादी के बाद से महेंद्र क्रूथिका की देखभाल नहीं कर रहा था और अक्सर झगड़े होते थे। यह मामला वैवाहिक कलह से जुड़ा लग रहा है, लेकिन पुलिस अन्य संभावित कारणों की भी जांच कर रही है। फिलहाल, महेंद्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

एक डॉक्टर की मौत ने सवाल खड़े किए

यह घटना न केवल चिकित्सा समुदाय के लिए शॉकिंग है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और वैवाहिक संबंधों पर भी सवाल उठाती है। क्रूथिका की मौत ने याद दिला दिया कि कभी-कभी सबसे करीबी इंसान ही सबसे बड़ा खतरा बन सकता है। पुलिस ने अपील की है कि यदि कोई संदिग्ध मौत हो, तो तुरंत जांच कराएं।

यह केस अभी भी कोर्ट में चल रहा है, और आगे की जांच से और खुलासे हो सकते हैं। बेंगलुरु पुलिस ने कहा है कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्रूथिका की स्मृति में, उनके परिवार ने न्याय की मांग की है, और यह मामला समाज को सोचने पर मजबूर कर रहा है।

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Author: saryusandhyanews

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