
देश में बुनियादी शिक्षा व्यवस्था बदलने जा रही है।
न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की चर्चा जोरों पर है। केंद्र सरकार इसे लेकर काफी गंभीर है। इसके लिए सरकार तैयारी में जुटी हुई है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी यानी NEP 2022 के हिसाब से कक्षा 3 से 12 तक के लिए नेशनल कैरिकुलम तैयार हो गया है। इसे अब पब्लिश करने की देर है, ये भी प्रक्रिया जल्द तैयार कर ली जाएगी। एनईपी 2020 के तीसरी एनवर्सरी (29 जुलाई) आने या उससे पहले एनसीएफ आ सकता है। सभी कक्षाओं के लिए विषय विशेषज्ञों की टीम की पहचान कर ली गई है। एनसीएफ के घोषित होते ही किताबें तैयार करने की कमेटियां गठित होंगी।
बता दें कि कक्षा 3 से 12 तक की स्कूली शिक्षा में लगभग 150 विषयों की किताबें छपेंगी। एकेडमिक सेशन 2024-25 के शुरूआती महीनों में एनईपी के हिसाब से कक्षा 3,6 और 9 के पहले किताबें सामने आ जाएंगे। दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक,देश में स्कूली शिक्षा व्यवस्था बदलने जा रही है। इस बार स्कूली शिक्षा 4 स्टेजों में रखी गई है। पहली है फाउंडेशन स्टेज, दूसरी है प्रीप्रेटरी स्टेज, तीसरी है मिडिल स्टेज और चौथी है सेकंडरी स्टेज। आइए कम शब्दों में जानते हैं इनके बारे में।
क्या है फाउंडेशन स्टेज
फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल के बच्चे आएंगे। कमाल की बात तो ये है कि इस उम्र की बच्चों को स्कूली बच्चों को किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं देनी होगी। साथ ही इस उम्र के बच्चों को स्कूल बैग भी नहीं ले जाना होगा। बाल वाटिका/प्री-स्कूल में बच्चों को जादुई पिटारे (इसमें 53 किस्म के खिलौने होंगे) से पढ़ाई होनी है। सभी सेंट्रल स्कूल में बाल वाटिका खोली गई है। प्राइवेट स्कूलों में प्ले ग्रुप और नर्सरी की कक्षाओं चलती हैं, अब एनईपी में शुरूआती 3 साल सरकारी स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे। 6 से 8 साल के बच्चों जो प्री स्कूलिंग कर चुके हैं उन्हें कक्षा 1 में एडमिशन मिलेगा। इसमें केवल 2 किताबें होंगी। दूसरी कक्षा के बाद फाउंडेशन लेवल पूरा होगा।
प्रीपेटरी स्टेज
इस स्टेज में 8 से 11 साल के बच्चे आएंगे। इसलिए 3 भाएंए और मैथ पढ़ाएं जाएंगे। 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई मातृ भाणा या स्थानीय भाषा में होगी। पहली बार कक्षा 3 में बच्चे का मूल्यांकन होगा और दूसरी बार कक्षा 5 में होगा।
मिडिल स्टेज
इस कैटेगरी में 11 से 14 उम्र के बच्चे आएंगे। 8वीं कक्षा तक के बच्चों का वोकेशनल एक्सपोजर कराया जाएगा, पर मूल्यांकन नहीं होगा। लैंग्वेज और साइंस के अतिरिक्त ह्यमिनिटी, आर्ट और सामजिक विज्ञान की बेसिक पढ़ाई जाएगी। कक्षा 8वीं में तीसरी बार मूल्यांकन होगा। इस बीच छात्रों और अभिभावकों की नियमित काउंसलिंग होगी। कक्षा 9 में वोकेशनल एजुकेशन मूल्यांकन होगा।
सेकंडरी स्टेज
इस स्टेज में 14 से 18 साल के बच्चे आएंगे। कक्षा 9 से 12 तक सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई होगा। ये अगले सेशन से शुरू हो सकती है। साल में बोर्ड परीक्षा के 2 मौके मिलेंगे। यानी 9वीं-10वीं और 11वीं 12वीं में कुल 16-16 पेपर (कोर्स) दोने होंगे यानी 1 साल में 8 पेपर होंगे।
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Author: saryusandhyanews
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