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सीनियर आईपीएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण नियुक्तियां: प्रवीर रंजन बने सीआईएसएफ महानिदेशक, प्रवीण कुमार को आईटीबीपी की कमान

केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने शुक्रवार को दो वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों की महत्वपूर्ण नियुक्तियां कीं। 1993 बैच के प्रवीर रंजन को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का महानिदेशक (डीजी) नियुक्त किया गया है, जबकि उनके बैचमेट प्रवीण कुमार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का महानिदेशक बनाया गया है। दोनों अधिकारी वर्तमान प्रमुखों के सेवानिवृत्ति के बाद 30 सितंबर 2025 से चार्ज संभालेंगे।

नियुक्तियों का विवरण

प्रवीर रंजन, जो एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के अधिकारी हैं, वर्तमान में सीआईएसएफ में विशेष महानिदेशक (स्पेशल डीजी) के पद पर कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति 31 जुलाई 2029 तक, यानी उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख तक या आगे के आदेश तक प्रभावी रहेगी। वे वर्तमान सीआईएसएफ प्रमुख राजविंदर सिंह भट्टी का स्थान लेंगे, जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

दूसरी ओर, प्रवीण कुमार, जो पश्चिम बंगाल कैडर के 1993 बैच के अधिकारी हैं, वर्तमान में खुफिया ब्यूरो (आईबी) में विशेष निदेशक (स्पेशल डायरेक्टर) के रूप में सेवा दे रहे हैं। उनकी आईटीबीपी प्रमुख के रूप में नियुक्ति 30 सितंबर 2030 तक, यानी उनकी सेवानिवृत्ति तक या आगे के आदेश तक के लिए की गई है। वे वर्तमान आईटीबीपी प्रमुख राहुल रासगोत्रा का स्थान लेंगे, जो भी 30 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं।

एसीसी के आदेश में कहा गया है, “गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर प्रवीण कुमार को आईटीबीपी का महानिदेशक और प्रवीर रंजन को सीआईएसएफ का महानिदेशक नियुक्त किया जाता है।”

अधिकारियों का पृष्ठभूमि और योगदान

प्रवीर रंजन का लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है। वे पहले चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रह चुके हैं और हाल ही में सीआईएसएफ में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के रूप में कार्यरत थे। औद्योगिक सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता के कारण उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि रंजन सीआईएसएफ की भूमिका को मजबूत करेंगे, जो देश भर में महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे हवाई अड्डे, संसद भवन और औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा करती है।

प्रवीण कुमार की करियर आईबी में केंद्रित रही है, जहां उन्होंने अतिरिक्त निदेशक से लेकर विशेष निदेशक तक के पद संभाले हैं। उनकी रणनीतिक बुद्धिमत्ता और खुफिया संचालन में गहन अनुभव को देखते हुए, वे आईटीबीपी को भारत-चीन सीमा पर सीमा प्रबंधन और काउंटर-इंसर्जेंसी प्रयासों में नई दिशा देंगे। आईटीबीपी, जिसमें लगभग 1,03,622 जवान हैं, 9,000 से 18,700 फुट की ऊंचाई वाली भारत-चीन सीमा पर 157 से अधिक बॉर्डर पोस्ट संभालती है। इसके अलावा, यह बल हिमालयी क्षेत्रों में आपदा राहत और बचाव कार्यों में भी सक्रिय रहता है।

ये नियुक्तियां भारत की अर्धसैनिक बलों में नेतृत्व की निरंतरता सुनिश्चित करती हैं, खासकर सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा के संवेदनशील क्षेत्रों में। सीआईएसएफ और आईटीबीपी जैसे बल देश की आर्थिक और सामरिक सुरक्षा के स्तंभ हैं। इन दोनों अधिकारियों के अनुभव से इन बलों को नई ऊर्जा मिलेगी, जो वर्तमान भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच महत्वपूर्ण है।

सरकार की यह कवायद आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इन नियुक्तियों से सुरक्षा बलों में स्थिरता और रणनीतिक दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।

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Author: saryusandhyanews

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