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प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: युवाओं के लिए नई उम्मीद की किरण

प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: युवाओं के लिए नई उम्मीद की किरण

**नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025** – भारत सरकार ने रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PM Viksit Bharat Rozgar Yojana – PM-VBRY) को 1 अगस्त 2025 से प्रभावी बनाया गया है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अपने 12वें संबोधन में घोषित की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और विकसित भारत के सपने को साकार करना है।

## योजना का परिचय
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना एक रोजगार-लिंक्ड इंसेंटिव (Employment Linked Incentive – ELI) स्कीम है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित की गई है। यह योजना श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत संचालित हो रही है और इसका कार्यान्वयन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा किया जा रहा है। योजना का नाम ‘विकसित भारत’ से प्रेरित है, जो भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के रोडमैप का हिस्सा है।

इस योजना के तहत नियोक्ताओं को नए कर्मचारियों को नियुक्त करने पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए फायदेमंद है जो पहली बार नौकरी की तलाश में हैं।

योजना के उद्देश्य
– **रोजगार सृजन को बढ़ावा**: निजी क्षेत्र में नई नौकरियों के निर्माण को प्रोत्साहित करना।
– **युवा सशक्तिकरण**: 18 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को प्राथमिकता देकर उनकी employability बढ़ाना।
– **आर्थिक विकास**: वित्तीय प्रोत्साहन के माध्यम से उद्योगों को मजबूत बनाना और GDP वृद्धि में योगदान देना।
– **डिजिटल एकीकरण**: UMANG ऐप और EPFO पोर्टल के माध्यम से आसान पंजीकरण और लाभ वितरण।

पात्रता मानदंड
योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
– **कर्मचारी**: 18 से 30 वर्ष की आयु के बीच होने वाले व्यक्ति, जो पहली बार नौकरी कर रहे हों या जिनकी मासिक वेतन ₹15,000 से कम हो।
– **नियोक्ता**: EPFO में पंजीकृत प्रतिष्ठान, जो योजना के तहत नए कर्मचारियों को नियुक्त करेंगे।
– **रोजगार अवधि**: नियुक्ति 1 अगस्त 2025 से 31 मार्च 2027 तक की गई होनी चाहिए।
– **अन्य**: कर्मचारी का UAN (Universal Account Number) सक्रिय होना चाहिए।

## लाभ और प्रोत्साहन
योजना के अंतर्गत नियोक्ताओं को कर्मचारी प्रति ₹15,000 तक की सहायता मिलेगी, जो तीन किश्तों में वितरित होगी:
1. **पहली किश्त**: ₹5,000 – नियुक्ति के एक माह बाद।
2. **दूसरी किश्त**: ₹5,000 – तीन माह बाद।
3. **तीसरी किश्त**: ₹5,000 – छह माह बाद।

इसके अलावा:
– कर्मचारियों के लिए वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण।
– नियोक्ताओं को EPFO योगदान पर छूट।
– कुल बजट: योजना के लिए ₹10,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो लगभग 5 करोड़ युवाओं को लाभ पहुंचाएगा।

पंजीकरण प्रक्रिया
पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और निम्न चरणों में पूरी की जा सकती है:
1. **नियोक्ता पंजीकरण**: PM-VBRY पोर्टल (https://pmvbry.epfindia.gov.in) पर एक बार का पंजीकरण करें। ECR (Electronic Challan cum Return) फाइल अपलोड करें।
2. **कर्मचारी सत्यापन**: UAN के माध्यम से कर्मचारी का विवरण सत्यापित करें।
3. **UMANG ऐप उपयोग**: मोबाइल ऐप के जरिए आवेदन ट्रैक करें।
4. **दस्तावेज**: आधार कार्ड, PAN, बैंक विवरण और EPFO सदस्यता प्रमाण-पत्र आवश्यक।

पोर्टल पर उपलब्ध दिशा-निर्देशों को डाउनलोड करके विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

योजना का प्रभाव और महत्व
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना भारत की युवा आबादी (65% से अधिक 35 वर्ष से कम आयु के) के लिए एक बड़ा कदम है। महामारी के बाद बेरोजगारी दर में वृद्धि के बीच यह योजना आर्थिक पुनरुद्धार का माध्यम बनेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि कौशल विकास और उद्यमिता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

यह योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत@2047’ जैसे अभियानों से जुड़ी हुई है। सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक 10 करोड़ नई नौकरियां सृजित की जाएं।

निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना युवाओं के सपनों को पंख लगाने वाली एक क्रांतिकारी पहल है। यदि आप योग्य हैं, तो तुरंत पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करवाएं। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmvbry.epfindia.gov.in पर जाएं या हेल्पलाइन 1800-11-8002 पर संपर्क करें।

*यह लेख सरकारी स्रोतों पर आधारित है। नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक पोर्टल जांचें।*# प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: रोजगार सृजन की क्रांतिकारी पहल

**नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025**: भारत सरकार ने युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (पीएम-वीबीआरवाई) की शुरुआत की है। यह योजना नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘विकसित भारत 2047’ की दृष्टि का हिस्सा है, जो 2025-26 से 2031-32 तक चलेगी। योजना का बजट 99,446 करोड़ रुपये है, जो अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखती है।

योजना का उद्देश्य और पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, युवाओं की रोजगार योग्यता में सुधार करना और सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह योजना 1 जुलाई 2025 को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित हुई और 1 अगस्त 2025 से प्रभावी हो गई। इसका पंजीकरण 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक चलेगा।

योजना को तैयार करने में श्रम-गहन मंत्रालयों, ट्रेड यूनियनों, उद्योग संघों और विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया। इसका कार्यान्वयन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के माध्यम से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा किया जाएगा। एक स्टीयरिंग कमिटी और एक्जीक्यूटिव कमिटी का गठन भी किया गया है, जो योजना की निगरानी और समीक्षा करेगी।

योजना की संरचना: दो भागों में विभाजित
योजना को दो मुख्य भागों में बांटा गया है:

भाग ए: कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन
– **लाभ**: पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को अधिकतम 15,000 रुपये का एकमुश्त प्रोत्साहन मिलेगा, जो दो किश्तों में वितरित किया जाएगा।
– **पात्रता**:
– 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच कार्यस्थल में शामिल होने वाले कर्मचारी, जिन्होंने 1 अगस्त 2025 से पहले ईपीएफओ या छूट प्राप्त ट्रस्ट में योगदान नहीं दिया हो।
– पहला योगदान ईपीएफओ या छूट प्राप्त ट्रस्ट में जमा होना चाहिए।
– मासिक वेतन 1 लाख रुपये तक होना चाहिए (रोजगार अनुबंध के अनुसार सभी भत्ते सहित)।
– न्यूनतम 6 महीने की सेवा पूरी करने के बाद पहली किश्त मिलेगी।
– **कैसे काम करता है?**: कर्मचारी को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) प्राप्त करना होगा, जो नियोक्ता या उमंग ऐप के माध्यम से संभव है। दूसरी किश्त के लिए 12 महीनों के अंदर वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करना अनिवार्य है। प्रोत्साहन सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए जमा होगा।

इस भाग के तहत लगभग 1.92 करोड़ नए पात्र कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

भाग बी: नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन
– **लाभ**: नए पदों के सृजन पर नियोक्ताओं को प्रति नए कर्मचारी अधिकतम 3,000 रुपये मासिक प्रोत्साहन मिलेगा, जो सभी क्षेत्रों में 2 वर्षों के लिए और विनिर्माण क्षेत्र में 4 वर्षों के लिए लागू होगा।
– **पात्रता**: नए कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ में योगदान करने वाले नियोक्ता, जो योजना की अवधि में नए पद सृजित करें।
– **लाभ**: यह नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन से जुड़े खर्चों की भरपाई करने, कर्मचारियों की प्रतिधारण क्षमता बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा उपायों को लागू करने में मदद करेगा।

इस भाग से लगभग 2.59 करोड़ अतिरिक्त नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है। प्रोत्साहन नियोक्ताओं के पैन-लिंक्ड खाते में सीधे हस्तांतरित किया जाएगा।

योजना के प्रमुख लाभ
– **युवाओं के लिए**: पहली नौकरी पर वित्तीय सहायता और सामाजिक सुरक्षा कवरेज, जो बेरोजगारी की समस्या को कम करेगी।
– **नियोक्ताओं के लिए**: रोजगार सृजन पर वित्तीय प्रोत्साहन, जो उत्पादकता और वृद्धि को बढ़ावा देगा।
– **अर्थव्यवस्था के लिए**: 3.5 करोड़ नौकरियों से जीडीपी वृद्धि, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिलेगी।

चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि योजना का स्वागत हो रहा है, लेकिन जागरूकता अभियान, ईपीएफओ पोर्टल की पहुंच और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यान्वयन जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। ऑनलाइन पोर्टल नियोक्ताओं और पहली बार कर्मचारियों के लिए लॉन्च किया गया है, जो आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाएगा।

कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल युवाओं को सशक्त बनाएगी, बल्कि समावेशी आर्थिक विकास को गति भी देगी। अधिक जानकारी के लिए ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

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Author: saryusandhyanews

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