वाराणसी: काशी में आज नमो घाट पर ‘काशी तमिल संगमम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने काशी तमिल संगमम ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई। पीएम मोदी ने कहा कि काशी और तमिलनाडु दोनों महादेव के घर हैं। काशी में आए सभी लोग मेरा परिवार हैं। तमिलनाडु से काशी का संबंध अद्वितीय है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। तमिलनाडू से काशी आने का मतलब है महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना। इसलिए तमिलनाडु और काशी के लोगों के बीच हृदय में जो प्रेम और संबंध है वह अलग और अद्वितीय है। काशी के लोग आप सभी के सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे होंगे। आप जब जाएंगे तो बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद के साथ काशी की संस्कृति और स्मृतियां भी ले जाएंगे।
पिछले एक साल के दौरान काशी विश्वनाथ धाम आने वाले तमिल तीर्थयात्रियों में भारी वृद्धि हुई है। तमिलनाडु और काशी में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व अच्छी तरह संरक्षित हैं। काशी के धार्मिक महत्व के कारण देशभर से लोग यहां आते रहे हैं। यह भारत में आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक जागरूकता का केंद्र है। काशी की तरह तमिलनाडु भी संस्कृति का केंद्र रहा है। प्राचीन काल से ज्ञान, कला, वास्तुकला और साहित्य तमिल साहित्य समृद्ध एवं प्राचीन है। भारत में संस्कृत और तमिल साहित्य सबसे प्राचीन है। यह समावेशी साहित्य समाज में एकता और समानता पैदा करता है। काशी तमिल संगमम हमारे देश के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को मजबूत करेगा।
आज यहां से कन्याकुमारी से काशी तक की काशी तमिल संगमम ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई है। एक बार काशी के विद्यार्थी रहे सुब्रमण्य भारती ने लिखा था कि काशी में जो मंत्रोच्चार होते हैं, उन्हें तमिलनाडु के कांची शहर में सुनने की व्यवस्था हो जाए तो कितना अच्छा होता। आज सुब्रमण्य भारती जी की वो इच्छा पूरी हो रही है।
Author: Ajay Kumar Pandey
SENIOR JOURNALIST ,VAST EXPERIENCE OF INVESTIGATIVE JOURNALISM